Tuesday, May 21, 2019

राष्ट्रपति ट्रम्प की चेतावनी- अगर ईरान लड़ाई चाहता है तो उसका अंत हो जाएगा

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को चेतावनी दी है। ट्रम्प ने ट्वीट किया कि अगर ईरान लड़ाई चाहता है तो उसका आधिकारिक अंत हो जाएगा। ईरान अमेरिका को कभी भी नहीं दे। ट्रम्प ने रविवार रात इराक स्थित अमेरिकी दूतावास के पास रॉकेट हमले के बाद यह चेतावनी दी है।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने भी कहा है कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने ईरान सरकार को स्पष्ट संदेश दे दिया है। अब किसी को कोई संदेह नहीं होना चाहिए। आगे के हालात की जिम्मेदारी ईरान की होगी।अमेरिकी सैनिकों ने मध्य-पूर्व में मौजूदगी बढ़ाई है। यहां जंगी बेड़े तैनात किए हैं। इनमें पैट्रियट मिसाइलें, बी-52 बमवर्षक और एफ-15 लड़ाकू विमान शामिल हैं। ट्रम्प ने कुछ दिन पहले कहा था कि वह ईरान से युद्ध से बचेंगे। इसके जवाब में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खुमैनी ने कहा कि ईरान का अमेरिका के साथ युद्ध करने का इरादा नहीं, लेकिन वह अमेरिका का विरोध जारी रखेगा।अमेरिकी दूतावास के पास ईरान के समर्थन वाले इलाके से हमला हुआ। इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी दूतावास के पास रॉकेट हमला किया गया है। इराक की सरकारी न्यूज एजेंसी के मुताबिक अचानक हुए इस हमले में किसी की जान नहीं गई है। इराक की सेना ने कहा कि रॉकेट एक सिपाही की प्रतिमा के पास गिरा। रॉकेट पूर्वी बगदाद से दागा गया था। इस इलाके में ईरान के समर्थक शिया लोगों का प्रभाव है।

अमेरिकाः राजनेता कह रहे देश अभी इराक युद्धको नहीं भूला
ट्रम्प को ईरान के मामले में अपनी पार्टी लाइन के बाहर किसी का समर्थन नहीं है। पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश भी कह चुके हैं कि अमेरिका को अभी युद्ध नहीं करना चाहिए। अभी तक हम इराक से हुए युद्ध को नहीं भुला सके हैं। ऐसे में डोनाल्ड ट्रम्प सरकार ईरान से युद्ध छेड़ने की कोशिश करती है तो अमेरिका को नुकसान हो सकता है। अमेरिका के पास इजरायल और खाड़ी के देशों के अलावा कोई सहयोगी नहीं है।

ईरानः चिंता यह है कि अमेरिका 39 साल पुरानी नीति न दोहराए
1980 में इराक ने ईरान सीमा पर हवाई हमले किए थे। वह मानता था कि भीतरी । राजनीति में उलझा ईरान कमजोर हो चुका है। ईरान के सीमाई विवाद वाले इलाकों पर कब्जा करने का यह अच्छा मौका है। ईरान के मौजूदा सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली । खुमैनी का कहना है कि अमेरिका ने ही का सुमित इराक को ईरान पर हमले की मंजूरी दी थी अमेरिका ईरान और इराक के मसलों पर हमेशा से साजिशन नजर रखता है।

मध्यपूर्वः अमेरिका 1.20 लाख सैनिक तैनात करने की तैयारी में
 इसी महीने ट्रम्प की शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। इसमें कार्यकारी रक्षा मंत्री पैट्रिक शैनहन ने मध्य-पूर्व में अमेरिकी सेना की योजना पेश की थी। अमेरिका मध्य-पूर्व में बड़ी संख्या में सैनिक भेजने को लेकर गंभीर है। न्यूयॉर्क टाइम्स की । रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका मध्य-पूर्व में 1.20 लाख सैनिक भेजने पर विचार कर  रहा है। अमेरिका ने इतने ही सैनिक 2003 में इक पर हमले के दौरान भेजे थे।

सऊदी बोला- युद्ध नहीं चाहते पर उकसाया तो नहीं छोड़ेंगे

दुबई सऊदी अरब ने भी ईरान को धमकी दी। सऊदी अरब के विदेश राज्यमंत्री अदेल अल-जुबेर ने कह्म कि हम युद्ध नहीं चाहते। हम इसकी कोशिश भी नहीं कर रहे, लेकिन अपनी रक्षा करने से पीछे नहीं हटेंगे। हम ईरान के खिलाफ कार्रवाई करने से नहीं । हिचकिचाएंगे। ईरान से किसी भी स्थिति में निपटने के लिए सक्षम हैं। ईरान हमें नहीं उकसाए। यह उसके लिए अच्छा नहीं होगा। दरअसल, पिछले सप्ताह यूएई तट के पास दो सऊदी जहाजों और दो तेल टैंकरों को भारी नुकसान पहुंचाया गया था। किसी ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली थी, लेकिन अमेरिका का मानना है कि हमले के पीछे ईरान हो सकता है।

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