Sunday, May 26, 2019

मोदी के साथ ये हो सकते हैं 6 सबसे बड़े चेहरे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नतीजों से पहले से भाजपा मुख्यालय में हुई मंत्रिपरिषद की फेयरवेल बैठक में नई कैबिनेट के गठन में 50-60.फीसदी बदलाव के संकेत दे चुके हैं। अब सभी ये जानना चाहते हैं। कि मोदी के साथ उन 6 पदों पर कौन आएंगे जो सबसे महत्वपूर्ण हैं।

 इनमें गृह, वित्त, रक्षा और विदेश मंत्री के अलावा भाजपा संगठन के अध्यक्ष और लोकसभा स्पीकर का पद शामिल है। केंद्रीय वित्त मंत्री
अरुण जेटली और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज स्वास्थ्य कारणों से शायद ही शीर्ष चार पदों में शामिल सें। सुषमा स्वराज तो अभी किसी सदन की सदस्य भी नहीं हैं। वहीं सुमित्रा महाजन के चुनाव नहीं लड़ने से लोकसभा स्पीकर का पद भी खाली होना तय है।

अमित शाह के नाम की चचा गृह मंत्री या वित्त मंत्री के लिए हो रही है, लेकिन इस बात की संभावना कम है कि वे सरकार में शामिल हों। संध और पार्टी स्तर पर यह भी चर्चा चल रही है कि शाह अभी कैबिनेट में नहीं जाएं, क्योंकि पार्टी संविधान के मुताबिक अभी उन्हें 3 साल का एक और कार्यकालमिल सकता है।

. गृह मंत्री राजनाथ सिंह या अमित शाह हो सकते हैं।
राजनाथ सिंह वरिष्ठता के कारण इस मंत्रालय में बने रह सकते हैं। उनकी संध के शीर्ष नेताओं से अनौपचारिक चर्चा भी झे चुकी है। इस विभाग के लिए अमित शाह के नाम की भी चर्चा है, लेकिन शाह की पसंद ऐसे मंत्रालय की रहती है जो सीधे जनता से जुड़ा हो। उनके करीबी बताते हैं, 'शाह जब गुजरात में गृह राज्यमंत्री थे तब भी उन्होंने मोदी से कहा था कि उन्हें ग्रामीण विकास मंत्रालय दिया जाए।'

. वित्त मंत्री पीयूष गोयल,
अमित शाह, नितिन गडकरी पीयूष गोयल प्रबल दावेदार हैं। उन्होंने अंतरिम बजट भी पेश किया था। वित्त विभाग संभालते रहे हैं। गोयल को मोदी-शाह का सबसे भरोसेमंद माना जाता है। चर्चा यह भी है कि खुद अमित शाह वित्त मंत्रालय का रुख कर सकते हैं, क्योंकि सकार की प्राथमिकता अब आर्थिक मोर्चे पर सफलता पाना है। इसके लिए वेजिम्मेदार नाम हैं। इस विभाग के लिए नितिन गडकरी के नाम की भी चर्चा है।

3. रक्षा मंत्रीः अमित शाह,
राजनाथ के नाम की चर्चा इस विभाग के लिए अमित शाह और राजनाथ सिंह के नाम पर विचार हो रह्म है। राजनाथ गृह मंत्री के रूप में आंतरिक सुरक्षा की बारीकियां समझ चुके हैं। चूंकि उनको सीसीएस (सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी) में बनाए रखना है, इसलिए गृह विभाग उनसे नहीं लिया जा सकता। वहीं, रक्षा विभाग में आने की वजह से शाह को संगठन के काम पर ध्यान देने का समय मिलेगा, जो इस समय उनके लिए बेहद जरूरी है।

4. विदेश मंत्री निर्मला
 सीतारमण, स्मृति ईरानी रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण नई विदेश मंत्री हो सकती हैं। उन्हें अंग्रेजी और पड़ोसी मामलों  की बेहतरीन समझ है। शीर्ष चार पदों में एक महिला की अनिवार्यता को  मोदी बनाए रखना चाहते हैं, इसलिए सीतारमण पहली पसंद हो सकती हैं। हालांकि उनके अलावा स्मृति ईरानी के नाम की भी चर्चा है। वाकपटुता में माहिर स्मृति मानव संसाधन, सूचना प्रसारण और अभी टेक्सटाइल संभालते हुए अपनी प्रतिभा का परिचय दे चुकी हैं।

 लोकसभा अध्यक्षः संतोष गंगवार,
राजनाथ सिंह इस पद के लिए राजनाथ का नाम भी चल रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा आठ बार यूपी के बरेली से सांसद संतोष गंगवार सबसे मुफीद चेहरा माने जा रहे हैं। गंगवार इससे पहले वाजपेयी सरकार तथा मोदी सरकार में मंत्री रहे।  और विपक्ष में रहते हुए लोकसभा में मुख्य सचेतक भी रहे हैं। व्यवहार से सहज, सौम्य और कम बोलना उनकी व्यवहार कुशलता का अहम हिस्सा है। सबसे वरिष्ठ होने के बावजूद भी वे अभी स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री हैं।

. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्षःभूपेंद्र यादव, जेपी नड्डा राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव का समन्वय मोदी-शाह के साथ बेहतर है। वाजपेयी सरकार के समय संगठन की बागडोर दक्षिण भारतीय नेताओं को सौंपने से संगठन में
स्थिरता आ गई थी और पार्टी हार गई थी। इस बार हिंदी पट्टी से अध्यक्ष बनाने की रणनीति है। जगत प्रकाश
नड्डा का भी नाम प्रमुखता से चर्चा में है। पिछली बार भी वे दौड में थे लेकिन शाह अध्यक्ष बन गए। यपी के प्रभारी
के रूप में इस बार पार्टी को बेहतरीन सफलता दिलाई है।

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