Tuesday, May 28, 2019

मोदी बोले-भाजपा हिंदी पट्टी की पार्टी होने की धारणा गलत, इस बार अंकगणित पर केमेस्ट्री जीती।

लोकसभा चुनाव में जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित कर जीत के लिए उनका आभार जताया। भाजपा के हिंदी पट्टी की पार्टी होने की धारणा को गलत बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि चुनाव परिणाम समूचे भारत में उसकी जीत का गवाह है।

 चुनाव में अंकगणित पर केमेस्ट्री जीती है। राजनीतिक पंडितों को मानना होगा कि आदशों और संकल्पों की केमेस्ट्री हर अंकगणित को हरा देती है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग घिसी- पिटी सोच में धिरकर ही नजरिया बनाते हैं। 50- 70 साल में स्थापित हो चुकी 90% से अधिक ताकतें दो काम करती हैं। पहला, किसी भी हालत में भाजपा के लिए सही नजरिया ना बने। दूसरा, कुतर्क करके नजरिए को विगाड़ा जाए। मगर उन पंडितों को दोबारा सोचना होगा कि पारदर्शिता और परिश्रम उन्हें हरा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि भाजपा को स्थापित नकारात्मकता के बीच सकारात्मकता को लेकर जाना है, क्योंकि देश उसी से आगे बढ़ने वाला है। मोदी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के दबाव में कोई सही बात कहने की हिम्मत नहीं करता था। लेकिन भाजपा ने यह चलन बदला है सरकार नीति बनाकर उस पर चलती है जबकि संगठन रणनीति बनाता है।

बस की सीट फाइने और पीक थूकने वालों को नसीहत दी।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देशवासियों के कर्तव्यों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि खुद का 20 साल पुराना स्कूटर भी घिसकर चम्काते रहेंगे। लेकिन सरकारी बस में बैठे और बगल में सीट खाली हो तो उसमें उंगली डाल-डालकर दो-तीन इंच का गट्ठा करने तक हमें चैन नहीं आता। पान पर तंज कसते हुए मोदी ने कहा कि भारत माता की जय बोलें और फिर बनारसी पान खाकर पीक थूकें। यह कैसी भारत माता की जय है भाई।

भाजपा राजनीतिक हिंसा की सबसे बड़ी शिकार।
भाजपा को देश में राजनीतिक हिंसा की सबसे बड़ी शिकार बताते हुए मोदी ने कह्म कि इस हिंसा को एक प्रकार से मान्यता दी गई है। चाहे केरल से, कश्मीर हो, बंगाल या फिर त्रिपुरा । हो, वहां हमारे कार्यकर्ताओं को सिर्फ राजनीतिक विचारधारा के कारण मार दिया गया। भाजपा का नाम लेते है कहा जाता है कि यह खतरनाक है।दरअसल, हम विभाजन के पैरोकार नहीं हैं। हम एकता के मार्ग पर चलते हैं। जब दूसरे लोग सत्ता में आते हैं तो विपक्ष का नाम नहीं होता, मगर हम जब सत्ता में आते हैं तो विपक्ष का ।अस्तित्व शुरू होता है। त्रिपुरा इसका उदाहरण है।

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