Thursday, May 16, 2019

अमेरिका ने हुवावे और उसकी सहयोगी कंपनियों को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया

व्यापार के मोर्चे पर चीन के साथ गतिरोध के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी कंपनियों पर विदेश में बने टेलीकॉम उपकरणों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। अमेरिका का कहना है कि ये उपकरण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। उसने यह कदम चीन की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी हुवावे को अमेरिकी नेटवर्को से दूर रखने के उद्देश्य से उठाया है। इस फैसले से अमेरिका-चीन के बीच टकराव बढ़ने की आशंका है। हुवावे को लेकर दोनों देश के बीच पहले से विवाद चल रहा है। चीन सरकार ने अमेरिकी सरकार के इस फैसलेकी आलोचना की है।

 ट्रंप के एक्जीक्यूटिव ऑर्डर पर दस्तखत करने के बाद वाणिज्य विभाग के ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्री एंड सिक्युरिटी ने ऐलान किया कि वह हुवावे टेक्नोलॉजीज और उससे सहयोगी कंपनियों को व्यापार से जुड़ी ब्लैक लिस्ट में डालेगा। विभाग सूची में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के हितों के खिलाफ काम करने वाली विदेशी इकाइयों के नाम डालता है। इनमें व्यक्ति, कंपनी, कारोबार, रिसर्च इंस्टीट्यूशन या  सरकारी संगठन शामिल हैं। इसी के साथ अमेरिका के वाणिज्य मंत्री को अधिकार मिल गया कि वह ऐसा लेनदेन जो अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक साबित हो सकता है उसे प्रतिबंधित कर पाएंगे।

अमेरिकी सरकार का आरोप हुवावे के ज्यादातर उपकरण चीन सरकार के लिए जासूसी के काम आते हैं।.
अमेरिकी सरकार का आरोप है कि हुवावे के उपकरण चीन सरकार के लिए जासूसी के काम आते हैं। हुवावे की सीएफओ मेंग वानशू को पिछले  साल दिसंबर में कनाडा में गिरफ्तार गया था। अमेरिका का कहना है कि  हुवावे ने ईरान पर लगाए प्रतिबंधों काउल्लंघन कर उसके साथ कारोबार किया। इसके बाद इस साल जनवरी के अंत में अमेरिकी कंपनी टी मोबाइल के ट्रेड सीक्रेट चुराने सहित कई आरोपों के आधार पर अमेस्किा ने हुवावे के खिलाफ 23 केस दर्ज कराए थे।

हुवावे को अमेरिकी टेक्नोलॉजी खरीदने के लिए सरकार से लाइसेंस लेना होगा
ट्रंप के आदेश के बाद हुवावे को अमेरिकी टेक्नोलॉजी खरीदने के लिए अमेरिकी सरकार से लाइसेंस लेने की जरूरत ह्येगी। इस सूची में शामिल कंपनी या व्यक्ति को अमेरिकी टेक्नोलॉजी की बिक्री या इसे ट्रांसफर करने के लिए बीआईएस के लाइसेंस की जरूरत होती है। यदि टेक्नोलॉजी की विक्री या इसका ट्रांसफर अमेरिकी सुरक्षा या विदेश नीति को नुकसान पहुंचाने वाला हो तो लाइसेंस देने से मना किया जा सकता है।

ऑनलाइन सेंसरशिप से मुकाबले के लिए व्हाइट हाउस का अभियान
ट्रंप सरकार ने सर्च इंजन और सोशल मीडिया प्लेटफॉमों के बीच राजनीतिक पक्षपात को लेकर एक सर्वे शुरू किया है। इसमें लोगों को ऑनलाइन सेंसरशिप की सूचना देने के लिए प्रोत्साहित किया। जा रहा है। सर्वे में कह्म गया है, सोशल मीडिया को  अभिव्यक्ति की आजादी के मामले में आगे रहना  चाहिए और उसकी रक्षा करनी चाहिए। सर्वे में लोगों से उन मामलों के बारे में बताने के लिए कहा गया है। जिनमें उन्हें ऑनलाइन सेंसर किया गया है।

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